[Saba=all; sukha=contentment, pleasures; Lahai=stay; tumhari=with your; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be afraid] होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना । व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने https://mahendrai295nno1.bloguerosa.com/profile