हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की सत गुरु सैट कबीर लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं मोहिनी देवी (अमुक) वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥ कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा कार्य हो वैसा ही शक्ति का उपयोग किया जाता है। वे समस्त https://trevordigjk.digiblogbox.com/60220463/वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए-fundamentals-explained